संवाददाता, शरीफ मलिक
किरतपुर : अदबी तंज़ीम जहान-ए-ग़ज़ल किरतपुर के बैनर तले आंजहानी रामकुमार वर्मा ग़म बिजनौरी की याद में एक ऑल इंडिया मुशायरा एजाज़ अली हाल बिजनौर में आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता गौहरो नायाब के लेखक जहीर गौहर ने की संरक्षक इंटरनेशनल शायर फारूक़ बिजनौरी रहे उद्घाटन डॉक्टर बीरबल सिंह एम बी बी एस अध्यक्ष नगर पालिका परिषद बिजनौर ने अपने शुभ हाथों से किया शमा रोशन श्री गुलसिताब गुल एडवोकेट वरिष्ठ उपाध्यक्ष जिला बार एसोसिएशन बिजनौर ने की निज़ामत के फ़राइज़ लखनऊ से तशरीफ़ लाए मेहमान शायर शाहबाज़ तालिब ने बहुत अच्छी तरह अंजाम दिए एज़ाज़ी शायर के तौर पर इंटरनेशनल शायर शकील जमाली साहिब रहे जहान-ए-ग़ज़ल किरतपुर ने अपनी परंपरा अनुसार इस मुशायरा में भी डॉ बीरबल सिंह एम बी बी एस एडवोकेट गुल किताब और मारूफ शायर शकील जमाली साहिब को शाल और ग़म बिजनौरी अवार्ड से सम्मानित किया नात शरीफ के शेरों के बाद वारिस वारिसी और सीनियर शायर फारूक़ बिजनौरी ने देशभक्ति गीत पेश किया सेक्रेटरी जहान-ए-ग़ज़ल: ताहिर सऊद, साजिद साग़र,नईम अहमद अंसारी, खु़र्शीद बिजनौरी ने तमाम लोगों का शुक्रिया अदा किया प्रस्तुत किए गए शेरों की झलकियां क़ाज़ी ज़हीर अहमद गौहर ने कहा फलों का ज़ाएक़ा चक्ख्खे गि आने वाली नस्ल दर्ख़त काट के पौधे लगा रहे हैं लोग शनावर किरतपुरी ने कहा हमारा इश्क़ ला सानी नहीं है मगर इस दूध में पानी नहीं है शकील जमाली ने कहा ग़ज़ल इस्मत बचाए फिर रही है कई शायर हैं बेचारी के पीछे फारूक़ बिजनौरी ने कहा यह मेरा वतन मेरा वतन मेरा वतन है हर लम्हा जहां प्यार मोहब्बत का चलन है ताहिर सऊद ने कहा अश्क महफूज़ करके रखता हूं जाने यह कब दवा में काम आ जाएं शाहबाज़ तालिब ने कहा हम तो पत्थर दिल समझे थे आप तो पूरे पत्थर निकले वारिस वारिसी ने कहा उसने आंखों से कुछ कहा शायद गुनगुनाहट सी मेरे कान में है अलीम वाजिद ने कहा दिल परेशां है मेरा तुझको मनाने के लिए मैं हूं बेचैन मेरी जां तुझे पाने के लिए चांद देवबंदी ने कहा मांग बैठी थी निशानी कुछ बिछड़ते वक़्त वे पांव देकर हमने अपना खुश किया ज़ंजीर को फरीद अहमद फरीद ने कहा सुर्खरू दोनों आलम में हो जाएगा तू जो बिछड़े हुए दो मिला देगा दिल रिहान कातिब ने कहा उनकी तशरीफ़ आवरी हुई है हर नज़र कम पर लगी हुई है उनके अलावा शमशाद अली नगरी नईम अख़्तर देवबंदी आक़िल जे़दपुरी तनवीर अख़्तर क़ाज़ी ज़ाहिर कामिल अमान ने अपना चयनित कलाम प्रस्तुत किया मुशायरा में शरीक होने वाले हम लोग यह थे उबेद नजीबाबादी बहार आलम जलालाबादी मेराज बिजनौरी जीशान क़मर डॉ अब्दुल रहमान जावेद मंडावरी विज़ारत नबी सुरेंद्र कपूर राजवीर सिंह मिम्बर अमित ठाकुर मिम्बर अनवार अहमद डिस्पोजल मर्चेंट अनुज अग्रवाल मास्टर ग़य्यूर मसूद खां अशोक आर्य साजिद हुसैन आदि ने शिरकत की और व्याख्यान का समापन अध्यक्षीय उपदेश के साथ हुआ।