गौरेला पेन्ड्रा मरवाही (दिलेश्वर सिंह राजपूत) : वर्षों से बढती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण में वृद्धि तथा कृषि में विस्तार होने से जल की मांग बढती जा रही है । अतएव जल संरक्षण आज की आवश्यकता बन गई है । वर्षा जल संचयन मूल्यतः भवनों की छतों पर इकट्ठा करके भूमि में संरक्षण करके आगे काम में लेने की प्रक्रिया है। इसके लिए यह अत्यावश्यक है कि भू-जल की गिरावट तथा भू-जल स्तर में सुधार किया जाए तथा समुद्र के जल का अंतर्गमन अर्थात समुद्री जल को भूमि की तरफ आने से रोका जाए और वर्षा मौसम के दौरान सतही जल का अपवाह तथा शहरी अपशिष्ट जल का संरक्षण किया जाए।भारत विकास परिषद गौरेला इकाई ने आज विश्व जल दिवस के रूप में पुराना गौरेला स्थित ब्रम्हचारी तालाब में माँ गंगा की पूजन एवम नर्मदा माँ की आरती के साथ मनाया गया उक्त कार्यक्रम में श्री प्रकाश नामदेव – अशोक जैन-मोहन चढ़ार-तीरथ बड़गियाँ-डॉ अभय दुबे ने जल सरंक्षण पर अपने विचार प्रगट किये कार्यक्रम में विशेष रूप से भारत विकास परिषद अध्यक्ष मोहन चढ़ार जी सचिव विकास त्यागी जिला संघ चालक तीरथ बड़गईयाँ अशोक जैन प्रकाश नामदेव संदीप सिंघई डॉ अभय दुबे कमल नामदेव दुर्गेश केशरी सन्नी आगवानी मानस अग्रवाल मौसम ताम्रकार सोनू प्रेम जी श्रीजन केशरी राज कौशिक आदि उपस्थित थे।
“भारत विकास परिषद” गौरेला इकाई ने आज मनाया विश्व जल दिवस
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