नगीना (यासिर शम्सी) : शनिवार की रात्रि इक़बाल मेमोरियल एजुकेशनल सोसाइटी की ओर से आयोजित सम्मान कार्यक्रम में केंद्रीय विश्वविद्यालय कश्मीर के प्रोफ़ेसर एवं भाषा विशेषज्ञ डॉक्टर राशिद अज़ीज़ को रिफत सरोश सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया। बार संघ नगीना के पूर्व अध्यक्ष तुफैल अहमद एडवोकेट , शहर इमाम मुफ़्ती उवैस अकरम , साहित्यकार डॉक्टर शेख़ नगीनवी , प्रोफ़ेसर गुलाब नबी डार, अतहर शकील, परवेज आदिल माही के हाथो मोमेंटो, शॉल व स्मृति चिन्ह पेश कर डॉक्टर राशिद अज़ीज़ को सम्मानित किया गया। भाषा विशेषज्ञ डॉक्टर राशिद अज़ीज़ ने उर्दू हिंदी साहित्यिक एवं सांस्कृतिक धरोहर के संबंध में अपने ख़यालात का इज़हार करते हुए कहा कि उर्दू ज़बान इंडो आर्यन भाषा व तहज़ीब के मेल जोल का उदाहरण बनी हुई है।उर्दू के साहित्य में हिंदुस्तान की समाज और संस्कृति की विशेषता पाई जाती है इसमें एकता और मिलन सारी के गुणों को विशेषकर अपनाया गया है यही वह खूबियाँ हैं जो भारतीय समाज की मान मर्यादाओं के तौर पर जाना जाता है ।ऊर्दू समाजी व सांस्कृतिक समूह की अलामत है उर्दू शायरी ने दिलों को जोड़ने का काम किया है और एकता का सबसे बेहतरीन गुलदस्ता साबित हुई है। इस मौके पर डॉक्टर इमरान साग़र, तस्लीम नगीनवी, अतहर शकील आदि ने अपना कलाम पेश किया जबकि उपस्थित नगर के बुद्धिजीवियों साहित्यकारों एवं पत्रकारों ने डॉक्टर राशिद अजीज का माल्यार्पण कर स्वागत व सम्मान किया। इस अवसर पर अरशद नदीम एडवोकेट, सय्यद सादिक अनीस, परवेज़ पाशी, मुनीर आलम, यासीन सोनी, राशिद उस्मानी, तनवीर आलम, तनवीर अख्तर, यासिर शम्सी, तारिक तुफैल एडवोकेट, हाजी रोशन, दिलशाद आसिफ़,मो० सुहेल, काजी मेहराजुद्दीन, तहसीन, महताब अहमद, शाहरोज शहाब आदि उपस्थित रहे।
इक़बाल मेमोरियल सोसाइटी की ओर से प्रोफेसर राशिद अज़ीज़ को रिफत सरोश सम्मान से सम्मानित किया गया
![](https://hinditimesnews.com/wp-content/themes/woodmart/images/lazy.png)
15
Jan