नजीबाबाद (नसीम उस्मानी) : नगर निवासी डॉक्टर मुनमुन लेपचा काउंसलिंग साइकोलोजिस्ट ने बताते हुए कहा की आज के समय में हर कोई अत्याधुनिक वस्तुओ का प्रयोग करते है जैसे मोबाइल यह एक ऐसा सुविधाजनक स्त्रोत है जिसके द्वारा घर बैठे ही सभी प्रकार के कार्य जैसे; ऑनलाइन शॉपिंग, न्यूज़ सुनना, और फिल्में देखना आदि किये जाते है। इसके अलावा सोशल मीडिया एप्प; ट्विटर ,व्हाट्सप्प तथा इंस्टाग्राम आदि ने लोगो के जीवन में धूम मचाई हुई है तथा उनके मनोरंजन का साधन बन गई है, वही इसके अधिक प्रयोग से दुष्परिणाम भी सामने आये है। मोबाइल के अधिक उपयोग करने से ज्यादातर युवा तथा बच्चे प्रभावित हुए है जिससे उनके अकादमिक ग्रेड पर असर पडा है। और उनमे उदासी, चिड़चिड़ापन, अकेलापन और बिना मोबाइल के न रह पाने, व बार बार फ़ोन चेक करने जैसी आदते समिलित है। इन आदतो से व्यक्ति, बच्चो, और युवाओ का व्यक्तित्व प्रभावित हो रहा है जिससे वे संज्ञानात्मक, संवेगात्मक तथा बौद्धिक रूप से कमजोर होते जा रहे हैं। जिसके कारण व्यक्ति शारीरिक तथा मानसिक रोगो से घिरता जा रहा है जैसे; एंग्जायटी, डिप्रेशन, भूलने की बीमारी, आइसोलेशन तथा फोमो आदि। काउंसलिंग साइकोलोजिस्ट डॉक्टर मुनमुन लेपचा का कहना है की अपने जीवन को सुखद बनाने के लिए आपको अपने जीवनशैली में परिवर्तन लाना होगा जैसे योगा,और एक्ससरसाइज पर ध्यान देना। इसके आलावा आप अपने दिन-प्रतिदिन के कार्यो की एक सूची तैयार करे, सोशल मीडिया के नोटिफिकेशन्स को डिसएबल करे, बेवजह के एप्प को अनइंस्टाल करे, सोते समय मोबाइल बेड से दूर रखे, समय मापने के लिए टाइम ट्रैकर एप्प का उपयोग करे, कोशिश करे अपने फ़ोन को कुछ टाइम ऑफ रखने की। इसके अतिरिक्त आप माइंडफुलनेस एक्ससरसाइज कर सकते है। अगर अधिक परेशानी हो तो आप डॉक्टर की हेल्प ले काउन्सलिंग के द्वारा भी इन समस्याओ का उपचार संभव है।
मोबाइल के अधिक उपयोग से कैसे रखे खुद को दूर : डॉक्टर मुनमुन लेपचा (काउंसलिंग साइकोलोजिस्ट)
06
Jan