भारतीय किसान यूनियन महात्मा टिकैत की मासिक बैठक का आयोजन

नजीबाबाद (नसीम उस्मानी): भारतीय किसान यूनियन महात्मा टिकैत की मासिक बैठक का आयोजन किया गया।जिसमें भाकियू महात्मा टिकैत के जिलाध्यक्ष चौधरी रोहितास के नेतृत्व में भाकियू के पदाधिकारी और कार्यकर्ता नजीबाबाद एसडीएम कार्यालय के सामने एकत्रित हुए व किसानों के विभिन्न प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की। मासिक पंचायत को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष चौधरी रोहितास सिंह ने बताया कि हमारे भारत वर्ष को कृषि प्रधान देश की संज्ञा दी जाती है। लेकिन इस देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य यही है यहां किसान की हमेशा उपेक्षा की जाती है। इस देश और प्रदेश में किसान की हालत बहुत खराब है। किसानों को ना तो उनकी फसलों का उचित मूल्य मिलता है। और ना ही समय से भुगतान किया जाता है। सरकारों की इन्हीं नीतियों के कारण आज किसानों की आर्थिक स्थिति भी विचारणीय बनी हुई है। कर्ज चूकाने के दबाव में हर साल पता नहीं कितने किसानों को आत्महत्या जैसे कदम उठाने पड़ते हैं। जिलाध्यक्ष चौधरी रोहितास सिंह ने कहा कि किसी भी किसान का शोषण कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसान हित के लिए भारतीय किसान यूनियन महात्मा टिकैत संगठन किसी भी संघर्ष को तैयार है।अगर किसानों की प्रमुख समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो भारतीय किसान यूनियन महात्मा टिकैत संगठन के बैनर तले जिले में बहुत बड़ा आंदोलन करने को विवस होगा। उपस्थित किसान चौधरी सुखविंदर सिंह प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप मोर युवा जिला अध्यक्ष नीरज चाहल जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र हुड्डा जिला महामंत्री जिला मीडिया प्रभारी रामोद कुमार युवा जिला मीडिया प्रभारी आफताब सिद्दीकी चौधरी राजवीर सिंह प्रमोद कुमार बरकत अली चौधरी जगबीर मोहम्मद अहसान रहीसुद्दीन नरपाल प्रजापति अब्दुल हई चौधरी बालकरण आदि सैकड़ो की संख्या में किसान उपस्थित रहे। किसानों के बीच पहुंचे नजीबाबाद तहसीलदार कमलेश कुमार और किसानों की प्रमुख मांगो से सम्बंधित एक ज्ञापन मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप कर सभी समस्याओं के शीध्र निस्तारण की मांग की। ज्ञापन में किसानों की प्रमुख मांगे –
1- जिले की जब सभी मिले गाना एक रेट पर खरीद रही है तो मैली के रेट अलग-अलग क्यों और किसानों को मैली फ्री मिलनी चाहिए।
2- किसानों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध करायी जाए।
3- बिजली की जर्जर व्यवस्था को दुरुस्त कराया जाए।
4- किसानों पर बैंकों का सम्पूर्ण कर्ज माफ किया जाए।
5- 60 वर्ष से ऊपर के किसानों व मजदूरों को 10 हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाए।
6- निराश्रित घूम रहे गौवंश को गौशालाओ में पहुंचाने की उचित व्यवस्था की जाए।
7- गंगा जी से होने वाले कटान को रोकने के लिए स्थायी तटबंध बनाएं जाए।
8- जंगली पशुओं से किसानो व उनकी फसलों की सुरक्षा की गारंटी ली जाए।

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