बिजनौर ब्यूरो – यासिर शम्सी
नगीना : उच्च न्यायालय के आदेश पर चित्तौड़गढ़ पुलिस चौकी की भूमि के स्वामित्व का निर्धारण करने के लिए शासन के आदेश पर वक्फ बोर्ड कमिश्नर व जिला अल्पसंख्यक अधिकारी के नेतृत्व में राजस्व विभाग द्वारा भूमि की पैमाईश की गई है।भूमि के स्वामित्व को लेकर विवाद है।एक पक्ष उक्त भूमि को कब्रिस्तान की बता रहा है। शासन के आदेश पर नायब तहसीलदार फैसल क़मर के नेतृत्व में राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने चित्तौड़गढ़ पुलिस चौकी के भवन व उससे लगे कबिस्तान की पैमाईश की। जनपद में एसपी के पद पर तैनात रहे डॉ धर्मवीर सिंह व नगीना थाना कोतवाली के तत्कालीन कोतवाल कृष्ण मुरारी दोहरे के कार्यकाल में बिजनौर रेलवे फाटक के सामने एक पुलिस चौकी का निर्माण किया गया था जिसका नाम चित्तौड़गढ़ पुलिस चौकी रखा गया था।मौहल्ला लाल सराय में करीब 2 वर्ष पूर्व चित्तौड़गढ़ पुलिस चौकी का निर्माण किया गया था।इस चौकी के भवन का निर्माण शुरू से ही चर्चित रहा।दरअसल जिस भूमि पर चितौड़गढ़ पुलिस चौकी किया गया था, उस भूमि के स्वामित्व को लेकर विवाद है।उक्त भूमि को नगर पालिका परिषद अपनी बताती रही है। उस समय नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष स्वर्गीय शेख खलीलुर्रहमान थे।नगीना विधायक मनोज पारस ने इस विवादित प्रकरण को विधानसभा में भी उठाया था और मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर उक्त पुलिस चौकी को हटवाकर भूमि को उनके मालिकों को सौंपने तथा दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने की मांग की थी।लेकिन वर्तमान में भी पुलिस चौकी चल रही है। मौहल्ला लाल सराय निवासी मौ आसिफ सहित 6 लोगों ने उस समय तैनात पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों,नगर पालिका के अधिकारियों व थाना प्रभारी को पार्टी बनाते हुये कब्रिस्तान की भूमि पर अवैध रुप से पुलिस चौकी के निर्माण कराये जाने की शिकायत करते हुये हाई कोर्ट में एक रिट दायर की थी।कोर्ट के आदेश व जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला अल्पसंख्यक अधिकारी व वक्फ बोर्ड कमिश्नर तीन सदस्यीय टीम के साथ मंगलवार की दोपहर को चित्तौड़गढ़ पुलिस चौकी पहुंचे।जिनके निर्देश पर नायब तहसीलदार फैसल कमर की मौजूदगी में राजस्व विभाग के कानूनगो नीरज कुमार व लेखपाल सचिन कुमार,मोहित शर्मा ने पुलिस चौकी के भवन की भूमि की नापतोल की। नायब तहसीलदार फैसल कमर ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर भूमि की नापतौल की गई है।जिसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी जायेगी।